vatsalworld
Sunday, 24 July 2011
हिंडोले दिन
वैशाख के
अलसाए
हिंडोले दिन
निम्बोरियो से
झरते
गरमाये पल
आज भी साँझ ढले
सुरमई
कर जाते हैं
तन
1 comment:
नवनीत पाण्डे
24 July 2011 at 08:35
आज
भी मृत्यु में
जीवन का राग
ध्वनित हो रहा
मुझमें
बहुत ही गहरी संवेदना व्यक्त करती हुयी रचना
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आज
ReplyDeleteभी मृत्यु में
जीवन का राग
ध्वनित हो रहा
मुझमें
बहुत ही गहरी संवेदना व्यक्त करती हुयी रचना