तुमने कहा
शरीर
वह देह हो गई
तुमने कहा
मन
वह प्राण हो गई
तुमने कहा
रूप
वह संवर गई
तुम कहते रहे
वह होती रही
आज वह
धुंधलाई आँखों से
तलाश रही
खुद को
क्या हो गई है
वह
रूप देह प्राण
सब छुडा चले
अपना हाथ
सिसक रही
उस पेड सी
जिस पर आज
क्रॉस लगा है
कल कटा जाएगा
शरीर
वह देह हो गई
तुमने कहा
मन
वह प्राण हो गई
तुमने कहा
रूप
वह संवर गई
तुम कहते रहे
वह होती रही
आज वह
धुंधलाई आँखों से
तलाश रही
खुद को
क्या हो गई है
वह
रूप देह प्राण
सब छुडा चले
अपना हाथ
सिसक रही
उस पेड सी
जिस पर आज
क्रॉस लगा है
कल कटा जाएगा